भजन
; वह शक्ति हमें दो दयानिधे कर्तव्य मार्ग पर डट जावें
पर सेवा पर उपकार में हम निज जीवन सफल बना जावें
१. हम दीं,दुखी,निबलों,विकलों के सेवक बन संताप हरें ,
जो हो भूले,भटके, बिछड़े ,उनको तारें खुद तर जाएं ,वह शक्ति हमें दो -----
२. छल,द्वेष,दम्भ, पाखंड, झूठ, अन्याय से निसदिन दूर रहें,
जीवन हो शुद्ध सरल अपना,शुचि प्रेम सुधा रस बरसायें ,वह शक्ति हमें -----
३ं. निज आन,मान, मर्यादा का, प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे ,
जिस देश जाति में जन्म लिया, बलिदान उसी पर हो जावें ,वह शक्ति हमें दो -----
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