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Thursday, July 24, 2014

भजन /bhajan

         कलयुग ये कैसी उलटी गंगा बहा रहा है, माता-पिता को बेटा ठोकर लगा रहा है । 


१. पहले था एक रावण और एक ही थी सीता -२
                           अब हर गली में रावण सीता चुरा रहा है ॥ 


२. बहनों से इतना कहना हरदम सतर्क रहना -२      
                         वो पापी भी अपनी कलाई पर राखी बंधा रहा है ॥ 

३. बच्चे तो हैं गरीब के भूखे तरस रहे हैं -२
                         पर सेठ जी का कुत्ता रबड़ी उड़ा रहा है ॥ 

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