भजन ---------
क्षण भंगुर जीवन की कलिका कल प्रात को जाने खिली न खिली
१. मलयालम की शुचि -शीतलता - २
सुगंध समीर खिली न खिली ,,,,,,क्षण भंगुर जीवन की ---
२. काली कल कुठार लिए फिरता -२
तन मन से चोट झिली न झिली ----क्षण चंगुर जीवन की ---
३. कह ले हरी नाम अरी रसना -२
फिर अंत समय में हिली न हिली -----क्षण भंगुर जीवन की -------
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