bhajan
मोहन हमारे मधुबन में तुम आया न करो -तुम आया न करो ---------
जादू भरी ये बांसुरी बजाया न करो -बजाया न करो -------------
१. सूरत तुम्हारी देख कर सलोनी सांवली -सलोनी सांवली -२
सुन बांसुरी की तान मैं हो गयी बाँवरी -२
माखन चुराने वाले ,दिल चुराया न करो - चुराया न करो -----
मोहन हमारे मधुबन में तुम आया न करो ----
२. माथे मुकुट गलमाल कटि में काछनी सोहे -काछनी सोहे -२
कानों में कुंडल झूमते मन को मेरे सोहे - मन को मेरे सोहे -२
इस चन्द्रमा के रूप से लुभाया न करो ----
मोहन हमारे मधुबन में तुम आया न करो …
३. अपनी यशोदा मात की सौगंध है तुमको -सौगंध है तोहे -२
यमुना नदी के तीर पर तुम न मिलो हमको - तुम न मिलो हमको -२
इस बांसुरी की तान पे बिल्माया न करो ---
मोहन हमारे मधुबन में तुम आया न करो ……
४. इसी तुम्हारी बांसुरी ने मोहनी डारी -मोहनी डारी -२
चन्द्र सखी की विनती तुम सुन लो बनवारी -सुन लो बनवारी -२
दर्शन दिखा दो साँवरे अब देर न करो -अब देर न करो ----
मोहन हमारे मधुबन में तुम आया न करो -------
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