नवरात्री वर्ष मे २ बार मनाई जाती है ,दशहरे से पहले मनाई जाने वाली नवरात्री को महा नवरात्री के रूप मे मनाया जाता है ,
इस वर्ष नवरात्री का शुभ आरंभ ५ अक्तूबर से होगा ,और हिंदू धर्म मे नवरात्री का विशेष महत्व है ,परम्पराओं के इस त्योहार मे सबसे पहले कलश कि स्थापना का विधान है ।
घटस्थापन- कलश स्थापन मुहुर्त : 06:16 AM to 07:15 AM (Kanya Lagna) ज्योतिष के अनुसार यह उत्तम समय घट स्थापना के लिये बताया गया है । यदि किसी कारण वश इस शुभ मुहूर्त मे स्थापना न हो सके तो कलश कि स्थापना कभी भी राहू काल मे नही कि जानी चाहिये .कलश स्थापना vidhi ------
सर्वप्रथम स्नान से निवृत होकर जिस स्थान पर पूजन किया जाने हो उस स्थान पर सफाई करें और कलश में गंगा जल भर कर उसके उपर अशोक या आम के पत्तों को कलश पर रखें। इसके उपर दीपक रखें और प्रज्वलित करें ।
तत्पचात सभी देवी -देवता का आह्वाहन करें और प्रार्थना करें ,
आराधना और पूजा के बाद आरती और वन्दना के पश्चात भोग लगाएँ तथा सभी में वितरित कर दें।
दुर्गा जी कि पूजा में मंत्रों का विशेष महत्व है अतः उनका आवाहन मंत्रों द्वारा किया जाना चाहिए ।
तत्पचात सभी देवी -देवता का आह्वाहन करें और प्रार्थना करें ,
आराधना और पूजा के बाद आरती और वन्दना के पश्चात भोग लगाएँ तथा सभी में वितरित कर दें।
दुर्गा जी कि पूजा में मंत्रों का विशेष महत्व है अतः उनका आवाहन मंत्रों द्वारा किया जाना चाहिए ।
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