नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा -
१. तू ही नटवर, तू ही नागर, तू ही बाल मुकुंदा -
भजो रे मन गोविंदा
२.सब देवन में कृष्ण बड़े हैं, ज्यूँ तारा विच चन्दा --
भजो रे मन गोविंदा ----
३. सब सखियन में राधा जी बड़ी हैं, ज्यूँ नदिया विच गंगा -
भजो रे मन गोविंदा ----
४. ध्रुव तारे प्रह्लाद उबारे, नरसिंह रूप धरन्ता -
भजो रे मन गोविंदा -------
५.कालीदह में नाग जो नाथो, फर्ण फर्ण करत निरन्ता --
भजो रे मन गोविंदा ------
६. वृंदावन में रास रचायो, नाचत बाल मुकुंदा ----
भजो रे मन गोविंदा ---
७. मीरा के प्रभु गिरधर नागर, काटो जम का फंदा -
भजो रे मन गोविंदा ----
No comments:
Post a Comment