गुरु पास रहे या दूर रहे नज़रों में समाये रहते हैं
१. जीवन की घड़ियाँ छोटी हैं, दुनिया की मंजिल लंबी है -२
छोड़ो गुरु पर जिम्मेवारी, गुरु आप सम्हाले रहते है --
२. सुख में भी आप नज़र आते, दुःख में भी धीरज बंधवाते-२
दुःख- सुख समझो एक सामान गुरु याद दिलाते रहते है
३. जिस अंश के हम सब प्राणी हैं उस अंध के है सारे प्राणी -२
माया में फंस कर भूल गए गुरु याद दिलाते रहते है ।।
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