सावन माह का हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व है । साथ ही इस माह में शिव जी की पूजा का भी विशेष विधान है । लोग इस माह में मांस -मदिरा का त्याग कर देते है ,कुछ लोग बाल भी नहीं बनवाते हैं ,और पूरे सावन में शंकर जी के मंदिर में जलाभिषेक करते हैं । इस माह में शिव -पुराण पढ़ने का विशेष महत्त्व है।
सावन में ही नहीं अपितु हर माह में शिव पूजा का फल मिलता है , मगर सावन माह शंकर जी अति प्रिय है , कहा जाता है सावन में रुद्राभिषेक करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है । माता पार्वती ने शिव जी को पति के रूप में पाने के लिए कठिन तप किया था ।लोग कांवर ले कर जाते हैं और शिव धाम में जाकर जलाभिषेक करते हैं ।
- पूरे सावन में विल्व -पत्र चढाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है .।
- विल्व -पत्र पर राम नाम लिख कर शिव जी पर चढ़ाएं ।
- सावन में शहद या गन्ने के रस से अभिषेक का विशेष महत्त्व है .।
शिव पुराण में भगवान् शिव पर विभिन्न पुष्पों की पूजा का क्या फल मिलता है इसका विस्तृत वर्णन है --
- लाल डंडे वाले धतूरे के पुष्प चढ़ाने से उत्तम संतान की प्राप्ति होती है । .
- आयु की कामना रखने वाला यदि सावन माह में सवा लाख दूर्वा चढ़ाये तो दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है ।
- तुलसी दल चढ़ाने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है ।
- सफ़ेद और लाल आक के पुष्प भोग और मोक्ष दोनों ही प्रदान करते हैं ।
- बंधूक (दुपहरिया ) के पुष्प चढ़ाने से आभूषणों की प्राप्ति होती है ।
- चमेली के पुष्प चढ़ाने से वाहन आदि की प्राप्ति होती है ऐसा शिव पुराण में वर्णन है ।
- शमी -पत्र चढ़ाने से भी मोक्ष की प्राप्ति होती है ।
- बेल ,जूही और कनेर के पुष्प वस्त्र ,और धन-धन्य दिलाने वाले होते हैं ।
- राई के पुष्प शत्रुओं पर विजय दिलाते हैं ।
- चंपा और केवड़ा के अतिरिक्त सभी पुष्प शिव जी को प्रिय हैं ।
इन सभी पुष्पों को कम से कम सवा लाख की मात्रा में यदि चढ़ाया जाये तो अभीष्ट की प्राप्ति होती है .
- भगवान शिव को चावल के अक्षत चढाने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है ।
- किसी भी पूजा का फल तब प्राप्त होता है जब पूजा सच्चे मन और लगन से की जाये ।
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