पूजा में मन्त्रों का बहुत महत्त्व है और इनका अगर लगन से जप किया जाये तो इनका हमारे जीवन पर बहुत असर पड़ता है .
१. मंगला चरण ---मंगलम भगवान् विष्णु ,मंगलम गरुड़ध्वजः ;मंगलम पुण्डरीकाक्ष मंगलाय तन्नोहरि ;
२. सूर्य गायत्री मन्त्र ---ॐ आदित्याय विदमहे सहस्त्र किरनाय ,धीमहि तन्नो प्रचोदयात ;
३. श्री लक्ष्मी मन्त्र ------विष्णुप्रिया नमस्तुभ्यं जगद्दिते ,अर्तिहत्रि नमस्तुभ्यं सम्रद्धि कुरु में सदा;
४. श्री दुर्गा मन्त्र ----ॐ या देवी सर्वभूतेषु मार्तरूपेण संस्थिता ,नमस्तस्यै ,नमस्तस्यै ,नमस्तस्यै नमो नमः ;
५. हनुमत्त प्रार्थना ----मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं ,वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्री राम दूतं शरणम ;
६. परा शक्ति प्रार्थना --सर्व मंगल मांगल्यं शिवे सर्वार्थ साधिके ,शरण्ये त्रयम्बकं गौरी नारायणी नमोस्तुते ;
७. बेल पत्रचढ़ाने चढाने का मन्त्र ---त्रिगुणा -त्रिगुणा चारणम तीन नेत्र तीन जन्म पापसंहारणं ,एक बिल्व पत्र शिव अर्पणं ;
८. सांप भागने का मन्त्र ---" आस्तिक आस्तिक आस्तिक " ऐसा तीन बार हाँथ में सरसों के दाने लेकर बोलेन और जहाँ भी सांप के होने का भय हो वहां इस सरसों को बिखरा दें ;
९. चोरों से रक्षा का मन्त्र --"-कपिल मुनि ,कपिल मुनि ,कपिल मुनि " कहीं भी बहार जाते समय दरवाजे पर ताला लगाने के बाद तीन बार ताली बजाते हुए कहें और जायें ;
१०. बीमारी से छूटने का मन्त्र ----ॐ सरमस्तक रक्षा पारब्रहम ,हस्त्काया परमेश्वरं ,आत्म रक्षा गोपाला स्वामी धन गुरु रक्षा जगदीश्वरः सर्वरक्षा गुरुदयाले अभय दुःख विनाशं ,भक्त वत्सल अनाथानाथे सर्वरक्षा गुरुनानक पर उच्च्यते;
इस मन्त्र को जिस भी रोगी की नज़र उतारनी हो उसके सर से पाँव तक हाँथ फेरते हुए सात बार पड़ें और फूंक मारें ;
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