अम्बिके जग्दम्बिके अब तेरा ही आधार है ,जिसने ध्याया तुझको उसका बेडा पार है -----२
नंगे-नंगे पैरों मैया अकबर आया ,सोने का छत्र मां उसने चढाया -२
पूजा करी मां तेरी तू शक्ति का आधार है ,अम्बिके --------
२. पान, सुपारी ,ध्वजा ,नारियल भेंट चढाउँ ,खोल दरवाजा आजा तुझे ही बुलाउ -२
दर पे आए भक्तों ने बोली जय -जयकार है --अम्बिके
३. दर पे खडा सवाली भर दे मेरी झोली खाली , तेरा वचन न जाए खाली जय हो माता शेरा वाली -२
कर दे किरपा मेहरा वाली तू बड़ी दयालु है ---अम्बिके
४. धर्म भवन जागरण में मैया तुझको आना है , सब भक्तों को मैया तेरा दर्शन पाना है -२
जल्दी से आजा मैया तेरा इन्तजार है --अम्बिके ---
No comments:
Post a Comment