- रवि रूद्र पितामह विष्णुनुतम ,हरी चन्दन कुम कुम पंग युतम ,मुनिव्रंद गड़ेंद्र समानयुतम ,तब नौमि सरस्वती पाद्युगम ॥
- शशि शुद्ध सुधा हिमधाम युगम ,शरदाम्बबिबं समानकरम ,बहुरत्न मनोहर कांति तव नौमि सरस्वती पाद्युगम ॥
- कनकाब्ज विभूषित भूतिपदम ,भव भाव विभाषित भिन्न्पदम ,प्रभुचित्त समाहित साधुपदम ,तव नौमि सरस्वती पाद्युगम ॥
- भव सागर भंजन धातिनुतं ,प्रतिपादित सन्तति कारमिदम ,विमलादिक शुद्ध विशुद्ध पदम् ,तव नौमि सरस्वती पाद्युगम ॥
- मतिहीन जनाश्रय पादमिदम ,सकलाममभाषित भिन्न्पदम ,परिकारित विश्वमंनेकभवं ,तव नौमि सरस्वती पाद्युगम ॥
- परिपूर्णंनेकं धाम निधिम ,परमार्थ विचार विवेक निधिं ,सुरयादिक सेवित पाद्तलम तव नौमि सरस्वती पाद्युगम ॥
- सूरमौलिक गध्य्तुशि शुभ्रकरम ,विश्यादि महाभय पापहरम ,निज कान्ति विलेषित चन्द्र शिवम् ,तव नौमि सरस्वती पाद्युगम ॥
- गुण नेक कुलाषित भीतिपदम ,गुण गौरव गौर्वित सत्यपदम ,कमलोदर कोमल पादतलम ,तव नौमि सरस्वती पाद्युगम ॥
Sunday, April 28, 2013
SHREE SARSWATI STROTAM
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